जदयू प्रदेश सचिव रवि मिश्रा ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
विजयीपुर/गोपालगंज से शंकर जी की रिपोर्ट
राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हजारों कर्मियों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य अनुदेशक, मध्याह्न भोजन योजना के रसोइयों और विद्यालयों में तैनात रात्रि प्रहरियों के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सरकार की जनसमर्थक नीतियों को रेखांकित करता है।
नया मानदेय एमडीएम रसोइया: ₹1650 → ₹3300 रात्रि प्रहरी: ₹5000 → ₹10000
शारीरिक शिक्षाक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक: ₹8000 → ₹16000 साथ ही अब सालाना वेतन वृद्धि ₹400 होगी, जो पहले ₹200 थी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यह घोषणा की और बताया कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती देने के लिए है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के प्रदेश सचिव रवि मिश्रा ने कहा की “नीतीश सरकार ने फिर साबित किया कि वो केवल वादा नहीं करती, बल्कि निभाना जानती है। यह फैसला उन हजारों गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण है, जो कम वेतन में वर्षों से सेवा दे रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा की
“जब विपक्ष के नेता अपने परिवार को बढ़ाने में लगे हैं, तब हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बिहार के हर वर्ग को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। यह फैसला दिखाता है कि बिहार अब विकास के सुनहरे रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहा है।”
रवि मिश्रा ने बताया कि 2005 में जब नीतीश सरकार बनी थी, तब शिक्षा का कुल बजट मात्र ₹4366 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹77690 करोड़ हो गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकार प्राथमिकता के तौर पर शिक्षा को किस स्तर तक ले गई है।
उन्होंने कहा कि न केवल भवन निर्माण और नियुक्तियों के स्तर पर सुधार हुआ है, बल्कि स्कूलों में काम करने वाले सहयोगी कर्मियों को भी उनका सम्मान और अधिकार अब मिल रहा है।
नीतीश सरकार का यह फैसला न सिर्फ एक आर्थिक राहत है, बल्कि इससे जुड़े हजारों परिवारों को सम्मानजनक जीवन की दिशा में एक बड़ी छलांग मिलेगी। इससे शिक्षा व्यवस्था में भरोसा और सहभागिता दोनों बढ़ेगा।