बिजली की आंख मिचौनी और लो-वोल्टेज से विभाग पर उठ रहे सवाल

0
16

विजय कुमार शर्मा – बगहा पश्चिम चंपारण,बिहार
दिनांक:- 24-07-2025

इन दिनों धान की रोपनी अपने चरम पर है, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से किसान बेहाल हैं। जिले के कई ग्रामीण इलाकों में दिनभर तापमान 40 डिग्री के पार है, ऐसे में कम वोल्टेज और बार-बार बिजली की कटौती ने न सिर्फ किसानों की नींद उड़ा दी है, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी पसीना-पसीना कर दिया है।

रात में आंख मिचौली करती बिजली, खेतों में मोटर चलाना हो रहा मुश्किल

रात में खेतों में पटवन के लिए किसान मोटर चलाते हैं, लेकिन लो वोल्टेज की वजह से मोटर चलना मुश्किल हो गया है। कई इलाकों में बिजली की सप्लाई इतनी कमजोर हो गई है कि बल्ब तक टिमटिमाते हैं।

बिजली विभाग पर उठ रहे सवाल

बिजली की इस बदहाली को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। उपभोक्ताओं का कहना है कि विभागीय कर्मचारियों की मनमानी और जवाबदेही की कमी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उपभोक्ताओं ने कहा कि कई बार शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती।

चुनाव से पहले वादे, धरातल पर नदारद व्यवस्था

सरकार भले ही आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए फ्री बिजली देने का वादा कर रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे उलट है। जिस बिजली पर किसानों को राहत मिलनी चाहिए, वह अब उनके लिए सिरदर्द बन गई है।

योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा

प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को मोटर कनेक्शन और सब्सिडी की योजनाएं तो चलाई जा रही हैं, लेकिन व्यवहार में इनका लाभ नहीं मिल पा रहा। कई किसानों को विभागीय कनेक्शन न मिलने की वजह से चोरी-छिपे मोटर चलानी पड़ रही है, जिससे बिजली की खपत असंतुलित हो रही है और लो वोल्टेज की समस्या बढ़ रही है।

विकास कार्य कागजों तक सीमित, जनता बेहाल

सिर्फ बिजली ही नहीं, अन्य आधारभूत सुविधाएं भी बदहाल हैं। गांवों में नल तो लगे हैं, पर पानी नहीं आता। सड़क किनारे लगे चापाकल जंग खा रहे हैं, पानी देने की बजाय अब ये सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी

जनता सवाल कर रही है – जब हर बार वोट मांगने के लिए नेता दरवाजे-दरवाजे आते हैं, तो अब जनता की समस्याओं पर उनकी जुबान क्यों सिल जाती है? बिजली की आंख मिचौनी, बदहाल वोल्टेज, योजनाओं का अधूरा क्रियान्वयन और विकास के खोखले दावे ये सब मिलकर गांवों के हालात को और खराब कर रहे हैं। जरूरत है कि सरकार और बिजली विभाग इस ओर तत्काल ध्यान दें, ताकि किसान और आम उपभोक्ता राहत की सांस ले सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here