बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है, रेशम की डोरी से संसार बांधा है।

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सजी हुई है रंग बिरंगी सजीली राखियों की दुकानें सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन का पावन त्यौहार।

अनिल कुमार शर्मा मझौलिया पश्चिम चंपारण, बिहार

भाई बहन के पावन और अमर प्रेम से समर्पित रक्षाबंधन का पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
राखी के पर्व को लेकर मझौलिया में रंग बिरंगी सजीली आकर्षक राखियों की दुकानें सज हुईं है। बहने अपने भाइयों के लिए राखियां खरीदने में लगी हुई है। बाजारों में चहल-पहल है तथा रौनक दिख रही है।
अंजलि गुड़िया किरण ईशानी गुगुल ममता रानी विद्या सलोनी रिंकी रोशनी नेहा आंचल अनीता आदि ने बताया कि इस वर्ष अपने भाईयों को राखी बांधते समय देश की अखंडता सुख समृद्धि शांति और प्रेम की कामना करेंगे। साथ ही यह कामना करेंगे की यह रक्षा सुत सभी संकटों से मेरे भाई को बचाएं। उन्होंने बताया कि अपने-अपने भाइयों से संकल्प लेगी की देश की अखंडता और सुख समृद्धि शांति प्रेम सांप्रदायिक सौहार्द प्रगति अटल रहे तथा सत्य और अहिंसा का पालन किया जाए।
पौराणिक मान्यता के अनुसार देवराज इंद्र जब युद्ध के लिए गए थे तब इंद्राणी ने रक्षा सूत बांधा था इस समय से यह पर्व आरंभ हो गया। महाभारत काल में भी भगवान श्री कृष्ण को द्रौपदी ने राखी बांध कर अपनी रक्षा करने का वचन लिया था। रक्षाबंधन का यह पावन पर्व भाई-बहन के अमर प्रेम अटूट रिश्ते और समर्पण को दर्शाता है। बहन राखी बांधकर भाई के लिए सुख समृद्धि और रक्षा की कामना करती है तो भाई इस पावन अवसर पर अपनी बहन को जीवन भर मरते दम तक रक्षा करने का वचन देता है।


भारतीय इतिहास के अनुसार मेवाड़ की महारानी कर्णावती के राज पर जब संकट आया था तो उसने दिल्ली के बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर अपनी रक्षा करने के लिए बुलाया था। राखी और पत्र पाते ही बादशाह हुमायूं अपनी सेना लेकर मेवाड़ की तरफ कुच कर दिया और मेवाड़ की रक्षा करते हुए रानी कर्णावती को अपनी बहन बनाकर सदैव रक्षा करने का वचन दिया था।
प्राचीन काल में जब सैनिक युद्ध के लिए जाते थे तो उनकी बहनें उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सलामती और जीत की कामना करती थी।
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाना है। जिसको लेकर राखियों की दुकानें सजी हुई है और बहनें राखियां खरीद कर रक्षाबंधन पर्व को मनाने के लिए तैयार है।
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना छोटी बहन को ना भुलाना बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है रेशम की डोरी से संसार बांधा है जैसे राखी की गीतों से वातावरण गुंजित होकर भाई-बहन के पावन और अटूट प्रेम के रिश्तों को एक बार फिर से याद दिलाते हुए सबको भाव विह्वल कर रहा है।

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