बगहा नगर परिषद की अनदेखी से मच्छरों का आतंक, फॉगिंग नहीं होने से बीमारियां बढ़ीं!

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विकुमार शर्मा – बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
दिनांक:- 11-07-2025

बगहा नगर क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन नगर परिषद अब भी गहरी नींद में सोई नजर आ रही है। लाखों रुपये की लागत से खरीदी गई फॉगिंग मशीनें और कीटनाशक छिड़काव उपकरण धूल फांक रहे हैं, मगर नगरवासी मच्छरों के डंक से बेहाल हैं।

कई वार्डों में जलजमाव, फॉगिंग नदारद

न्यू कॉलोनी वार्ड नंबर 24, 27 पवरिया टोला, बीआरसी परिसर, पशु अस्पताल समेत वार्ड 35 के तेलिया टोला जैसे कई इलाकों में महीनों से जलजमाव की समस्या बनी हुई है। इन इलाकों में मच्छरों का ब्रीडिंग ग्राउंड तैयार हो चुका है। नगर प्रशासन की तरफ से फॉगिंग या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं होने से लोगों का जीवन दूभर हो गया है।

दिन में भी मच्छरों का डंक, नींद और चैन दोनों गायब

स्थानीय निवासियों का कहना है कि शाम-रात तो दूर, अब दिन में भी मच्छरों की फौज बगैर रोक-टोक हमला कर रही है। परवेज आलम, अशोक दास, तुफैल अहमद, जावेद अख्तर उर्फ मुन्ना सहित अन्य लोगों ने नगर परिषद पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि “नगर परिषद सिर्फ टैक्स वसूल रही है, जनता की समस्याओं से उसका कोई सरोकार नहीं।”

मशीनें हैं, पर संचालन नहीं – जिम्मेदार कौन?

जानकारी के अनुसार बगहा नगर परिषद क्षेत्र की आबादी करीब 1.62 लाख है। बावजूद इसके फॉगिंग व स्प्रे के नाम पर पूरे नगर में सिर्फ गिनी-चुनी मशीनें हैं, जिनमें कई पहले से ही खराब पड़ी हैं।

भावी पार्षद प्रत्याशी की चिंता

वार्ड नंबर 30 से भावी पार्षद प्रत्याशी किरण देवी ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “नाले पर ढक्कन नहीं होने और जलजमाव के चलते मच्छरों का प्रकोप और ज्यादा बढ़ गया है। नगर प्रशासन को अविलंब इसमें सुधार लाना चाहिए।”

जनता के सब्र का बांध टूटने को तैयार

शहर के आधा दर्जन वार्ड जलजमाव की चपेट में हैं, लेकिन नगर परिषद की तरफ से न तो नियमित फॉगिंग हो रही है और न ही कीटनाशकों का प्रभावी छिड़काव। कई जगहों पर तो बीते महीनों से कोई भी सफाई या छिड़काव नहीं हुआ है।

जन स्वास्थ्य को खतरा, प्रशासन मौन

मच्छरों से होने वाली डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने आमजन की चिंता और बढ़ा दी है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द फॉगिंग और सफाई की ठोस व्यवस्था नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। अब सवाल यह है – क्या नगर प्रशासन मच्छरों की सेना को हराने की कोई ठोस रणनीति बनाएगा, या फिर जनता यूं ही काटे जाने को मजबूर रहेगी?

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