विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बगहा चीनी मिल्स के क्षेत्र में इन दिनों गन्ने की प्रसिद्ध किस्म COP 9301 में कंडुआ (स्मट) रोग का व्यापक प्रकोप देखा जा रहा है। चीनी मिल्स प्रबंधन बीएन त्रिपाठी द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह बीमारी खूंटी गन्ने की फसल में देखी गई है, जिसके चलते किसानों को सतर्क रहने तथा फसल की नियमित निगरानी करने की सलाह दी गई है। मिल प्रबंधन ने अपने सभी गन्ना अधिकारियों एवं प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि वे क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रभावित प्लॉट्स की पहचान कर किसानों को इस बीमारी से बचाव के उपायों की जानकारी दें। साथ ही, जिन प्लॉट्स में यह बीमारी दिखाई दे रही है, वहां संक्रमित पौधों को जमीन की सतह से सावधानीपूर्वक काटकर प्लास्टिक बैग या बोरे में भरकर अन्यत्र ले जाकर नष्ट करने की कार्रवाई की जा रही है।

अब तक की कार्रवाई में दिनांक 3 जून 2025 तक कुल 395 एकड़ क्षेत्रफल से कंडुआ रोग से ग्रसित गन्ने के पौधों को हटाया जा चुका है। इस कार्य में क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारी लगातार सक्रिय हैं और किसानों के साथ मिलकर रोग नियंत्रण के प्रयास कर रहे हैं। किसानों को इस बीमारी के लक्षणों की पहचान करना अपेक्षाकृत सरल है। रोगग्रस्त पौधों की पत्तियाँ आकार में छोटी, पतली और नुकीली हो जाती हैं तथा ऊपर की ओर तेजी से बढ़ती हैं। सबसे विशेष लक्षण पौधे के शीर्ष भाग में एक पतली, लंबी, काली कमची (चाबुक) जैसी संरचना का निकलना है, जिसमें कंडुआ फंगस के असंख्य बीजाणु मौजूद होते हैं। इन पर एक पारदर्शी सफेद झिल्ली होती है, जो फटते ही बीजाणु हवा द्वारा फैलते हैं और अन्य पौधों को संक्रमित कर देते हैं। मिल प्रबंधन ने किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों का नियमित निरीक्षण करें और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर अपने क्षेत्र के गन्ना अधिकारी या प्रबंधक से तुरंत संपर्क करें। रोगग्रस्त पौधों को सावधानीपूर्वक खेत से हटाकर नष्ट करें और इसके बाद थायोफिनेट मिथाइल नामक कवकनाशी 500 ग्राम को 400 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें, ताकि रोग का प्रसार रोका जा सके। कंडुआ रोग के नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान समय रहते जागरूक हो सकें और अपनी फसल को सुरक्षित रख सकें।