विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार
राखी के दिन वस्त्र, आभूषण और मधुर वचनों से बहनों को सुशोभित करें! -पं-भरत उपाध्याय
प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधते हुए कहा कि-एक वृक्ष बहना के नाम! पहले वृक्षारोपण करें फिर राखी बंधवांए। पूर्व प्राचार्य की परम्परा को जीवित रखते हुए राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज में भी वृक्ष की पूजा कर रक्षा सूत्र बांधा गया।
पूर्व प्राचार्य ने कहा कि- संकल्प शक्ति का प्रतीक, रक्षाबंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक अक्षत लगाकर संकल्प करती है, कि मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने ।जैसे शिवजी त्रिलोचन हैं ,ज्ञान स्वरूप हैं वैसे ही मेरे भाई में भी विवेक -वैराग्य बढ़े, मोक्ष का ज्ञान, मोक्षमय प्रेम स्वरूप ईश्वर का प्रकाश आए। मेरा भाई धीर- गंभीर हो! मेरे भैया की सूझबूझ, यश, कीर्ति और ओज -तेज अक्षुण्ण रहे ।भाई सोचे कि हमारी बहन भी चरित्रप्रेमी, भगवत्प्रेमी बने। इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र संपूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य रक्षित हो जाता है। रक्षाबंधन के पर्व पर बहन भाई को आयु, आरोग्य पुष्टि की वृद्धि की भावना से राखी बांधती है। अपना उद्देश्य ऊंचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ बदलते हैं।मनु स्मृति के अनुसार* भाई और बहन के लिए रक्षाबंधन एक महापर्व की तरह है। रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को प्यार के साथ-साथ कई तरह के उपहार भी देता है। मनु स्मृति में वस्त्र, आभूषण और मधुर वचन तीन चीजों के बारे में बताया गया है, जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति और उन्नति बनी रहती है।
यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य संतोष कुमार त्रिपाठी ,विपिन बिहारी तिवारी ,राजेश रमण कुमार सिंह, चंद्रपाल यादव, संजय कुमार मिश्रा, नीरज कुमार सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।