पर्यावरण संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है -पं-भरत उपाध्याय

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


मधुबनी, बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित धनहा में प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं प्रकृति प्रेमी राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह हमारी संस्कृति का अंग है ।प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नदियों के किनारे अथवा जंगल में गुरुकुल स्थापित किया था ।रोगियों के उपचार के लिए प्रकृति से मिले औषधीय पौधों का सहारा लिया ।वर्तमान में पर्यावरण की दशा चिंता जनक है, लोगों को सोचना चाहिए कि जो हमें प्रकृति से मिला है उसका संरक्षण होता रहे। उसे नष्ट होने से बचाया जाए। पेड़ पौधों के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करना अनिवार्य शर्त है। भूमि, जल , वायु ,प्रकाश आदि ऐसे दिव्य रत्न हैं जो निशुल्क प्राप्त हैं। यह जड़ को भी चेतन करने का सामर्थ रखते हैं ।

सामान्यतः वास्तविक कृतियों की पहचान मानव की विवेक शक्ति पर निर्भर करती है ।जिसमें मानवीय अभिरुचि का विशेष योगदान रहता है ।समाज में अज्ञानता बस सहजता से प्राप्त वस्तु को कमतर आंकने की प्रवृत्ति देखी जाती है ।
उन्होंने आगे कहा कि जल जीवों में प्राण का संचार करने से जीवन का आधार है। जिसके अभाव में न धरती जीवनदायनी हो सकती है और न जगत जीवंत। अतः धरती का अमृत होने से जल अनमोल रत्न है इसका दुरुपयोग रोकना अति आवश्यक है। वास्तविक रत्न को पहचान कर उनका संरक्षण करना मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है।
वास्तव में देखा जाए तो शिष्टाचार व पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक हैं ।बच्चों में पर्यावरण और शिष्टाचार सीखाने के लिए हमें किसी बड़े मंच या क्लासरूम की जरूरत नहीं है। जल ही कल है , भावी पीढ़ी को वृक्ष एवं नल जल से संवेदनशील बनाने के लिए अपने बच्चों को नल बंद करने ,पेड़ पौधों को सुरक्षित रखने की सीख देनी होगी।

खूबसूरत फूलों के आकर्षण को बच्चे रोक नहीं पाते और अक्सर फूल और पौधा तोड़ देते हैं ।इसमें महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है ।बच्चे और माताओं के जागरूक होने से इस अभियान में शत प्रतिशत सफलता मिलेगी। वृक्षारोपण के समय महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति नगण्य रहती है।जबकि हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक पर्यावरण की सफलता के लिए इन्हें जागरूक किया जाए। लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रधानाचार्य संतोष कुमार त्रिपाठी ने अपने जन्मदिन पर विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर पंडित विपिन बिहारी तिवारी ,मनिंदर शाह सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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