देश की एकता व अखंडता का संदेश देता है रक्षाबंधन: कमांडेंट

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बाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट

एसएसबी 21वीं वाहिनी बगहा अधीन सीमा चौकी गंडक बैराज में तपेश्वर संबित राउत, (कमान्डेंट )के उपस्थिति में भाई – बहन के पवित्र प्रेम स्नेह और रक्षा के वचन का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया l इस अवसर पर बहनों ने सैनिक भाइयों के कलाई में राखी बांधी। प्रेम में पिरोया रक्षा सूत्र बांधकर पारंपरिक तरीके से देश की सुरक्षा के बचन की प्रतिबद्धता को याद दिलाया। इस अवसर पर कमांडेंट तपेश्वर संबित राउत ने कहा कि लोक परंपराओं को संरक्षित करने जनसरोकारों में अपनी प्रत्यक्ष भागीदारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने वाली बहनों तथा सीमा को सुरक्षित रखने वाले सैनिकों के साथ पूरा देश भावनात्मक रूप से रक्षा सूत्र बंधन उत्सव के माध्यम से जुड़ा है।

जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र

हर साल रक्षाबंधन पर जहां बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं सीमाओं की रक्षा में जुटे जवान अपने घरों से दूर रह जाते हैं।

कमांडेंट का भावुक संदेशः “इस पहल ने दिल छू लिया”

कार्यक्रम के दौरान कमांडेंट ने कहा, हमारे कई जवान त्योहारों पर भी अपने घर नहीं जा पाते। आज की इस सुंदर पहल ने उन्हें एक परिवारिक अहसास और भावनात्मक संबल दिया है। यह न सिर्फ एक आयोजन, बल्कि एक सांस्कृतिक कर्तव्य भी है।
इसी भावनात्मक कमी को पूरा करने के लिए यह आयोजन किया गया। छात्राओं ने परंपरागत तरीके से जवानों का स्वागत किया। इस अवसर पर समवाय कमांडर गंडक बैराज अवधेश कुमार सहायक कमांडेंट, विवेक सिंह दांगी (समवाय कमांडर) रमपुरवा एवं अन्य बलकर्मी, DSP महिला स्वाभिमान बटालियन व महिला पुलिस कर्मी थाना वाल्मिकीनगर के पुलिस कर्मी, सिंचाई विभाग गंडक बैराज के कार्मिक, स्थानीय स्कूलों की छात्राएं, सीमा जागरण मंच, ब्रह्मा कुमारी संस्थान की बहने स्थानीय विशिष्ट गणमान्य व्यक्ति, उपस्थित रहे।


ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहनों, स्कूली छात्राएं महिला स्वाभिमान वाहिनी की प्रशिक्षुओ के द्वारा देश की सेवा में लगे SSB के जवानों एवं बिहार पुलिस के कार्मिकों, गंडक बैराज के कर्मियों की कलाईयों पर राखियां बांधी।

रक्षक कभी अकेले नहीं होते

इस आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जो देश की रक्षा करते हैं, उन्हें कभी भावनात्मक रूप से अकेला महसूस नहीं करने दिया जाएगा। बहनों के इस प्रेम भरे कार्य ने जवानों के चेहरों पर मुस्कान और आंखों में अपनापन ला दिया।

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