देवों के देव, महादेव हैं! शिवजी -पं-भरत उपाध्याय

0
2

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


पवित्र सावन मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना से हर घरों में भक्तिमय माहौल बन गया है। चारों तरफ बम, बम ,बम का शोर गूंज रहा है। मेरे श्रेष्ठ विद्वान आचार्य शिष्य गण डॉ अशोक कुमार मिश्र के नेतृत्व में महामृत्युंजय महामंत्र जप यज्ञ के साथ, शिव भक्तों के कल्याण हेतु मंदिरों व घरों में रुद्राभिषेक करवाने का पुण्य कार्य कर रहे हैं।शिव मृत्यु के देवता हैं, उन्हें मृत्युंजय कहते हैं। अमृत का पान सभी करना चाहते हैं, लेकिन भगवान शिव जनकल्याण के लिए विष पीते हैं, इसीलिए शिव की पूजा देव,दानव, मनुष्य तीनों करते हैं।
शिवजी प्रकृति संतुलन के भी देवता हैं ।यही कारण है कि श्रावण मास में उनकी स्तुति होती है । श्रावण में प्रकृति नए स्वरूप में होती है ,भीषण गर्मी के बाद होने वाली बारिश से चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है। जिससे मानव मन शिव महिमा का बखान करने में रम जाता है। बहुत लोगों को श्रावण मास का पूरे वर्ष इंतजार रहता है।
गुरु जी ने आगे बताया कि, भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं! शिव ने ही शनि को न्यायाधीश का पद सौंपा था। जिसके फल स्वरुप शनिदेव, मनुष्य- देव- पशु सभी को कर्मों के अनुसार फल देते हैं !इसलिए इस श्रावण के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ शनि की भी उपासना शुभ फलदाई होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here