जनेऊ के नौ धागों में जीवन का सम्पूर्ण दर्शन है-पं०भरत उपाध्याय

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण बिहार


वगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी, प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने कठहा के पूर्व मुखिया मृत्यंजय पाण्डेय के आवास पर वटुकों से उपनयन संस्कार के विशेषताओं को बताते हुए कहा कि यज्ञोपवीत को बाम कंधे पर धारण करते हुए ,आज से आपसामाजिक, नैतिक,धार्मिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारियां के वाहक हो गए। आपने अपने पारिवारिक जनों के आदेश पर निजी स्वीकृति से यह संस्कार स्वीकार किया है ।इसलिए आपकी जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है।
पूर्व विधायक पंडित राघव शरण पांडेय से चर्चा करते हुए पूर्व प्राचार्य ने कहा कि जनेऊ में सूत के नौ धागों में, जीवन का दर्शन छुपा है ।उपनयन संस्कार की प्रथा को जागृत करना होगा, बालकों का जनेऊ संस्कार पांच से लेकर अधिकतम 16 वर्ष तक की उम्र में कर देना चाहिए। जनेऊ में तीन धागे, चार गांठ व एक ब्रह्म गांठ होती है। इस नौ धागों में नौ देवताओं का निवास होता है। जिसमें ओंकार, अग्नि, अनंत ,चंद्र, पितृ, प्रजापति, वायु ,जल व सूर्य भगवान होते हैं। जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है जनेऊ के नियमानुसार बाएं कंधे से कमर की दाईं तरफ ही पहनना चाहिए । लघु शंका के दौरान जनेऊ को दाहिनी कान पर चढ़ा लेना चाहिए। हाथ को शुद्ध कर ही इसे पुनः पहनना चाहिए। इस अवसर पर पंडित अमरेंद्र पांडे, शिवसागर जी, विजय चौबे, विजय सिंह चंदेल, धनंजय पांडेय ,प्रवीण पांडेय ,आदित्य पांडेय ,सूर्य प्रताप दुबे, देवेंद्र उपाध्याय सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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