गुरु.गुरु”जपने से शिष्यों का मनोरथ पूर्ण होता है -पं-भरत उपाध्याय

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


मधुबनी, बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय के निज निवास पर गुरुदेव भगवान का आगमन हुआ। श्रीगुरूदेव का भव्य स्वागत किया गया,जो लोक कल्याण कारी सिद्ध हुआ। पूर्व प्राचार्य ने बताया कि आज प्रातः काल से बरसात शुरू होने से भीषण गर्मी से राहत मिल रही है। यह महज संयोग ही नहीं है बल्कि गुरु कृपा है। उन्होंने गुरु महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिवजी कहते है: गुरु मंत्रों मुखे यस्य, तस्य सिद्धि न अन्यथा गुरु लाभात सर्व लाभों गुरु हीनस्थ बालिश:
जिसके जीवन में गुरु नही है उसका कोई सच्चा हित करने वाला भी नहीं है । जिसके जीवन में गुरु है वो चाहे बाहर से शबरी भीलन जैसा गरीब हो फिर भी सोने की लंका वाले रावन से शबरी आगे आ गयी, रविदास जी के गुरु मन्त्र ही मीरा के तारणहार हो गए। गुरु शब्द की शक्ति अपार है और गुरुदर्शन, बहुत बहुत कल्याणकारी है। ‘गु’कार सिद्धि प्रोक्तो रेफ़ पापस्य हारक  गुरु में ‘र’ जो है पापनाशक है  ‘ऊ’कारो विष्णु अव्यक्त: त्रेआत्मा: गुरु परः  ये तीनो शब्द गुरु शब्द के है  गुरु शब्द का ‘ग’कार सिद्धि देनेवाला, ‘र’कार पाप हरनेवाला ‘ऊ’कार अव्यक्त विष्णु भगवान से मिलानेवाला गुरु, वो है जो श्रेष्ठ है और तीनों से पार भी है  ये आगमसार ग्रंथ है
इस अवसर पर एडवोकेट प्रेम नारायण मणि त्रिपाठी, पीयूष त्रिपाठी, देवांश उपाध्याय , शशांक मणि त्रिपाठी, दिनेश कुमार गुप्ता सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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