वाल्मीकि नगर से नंदलाल पटेल की रिपोर्ट
सावन के तीसरे सोमवार को लेकर कांवरियों के आगमन से वाल्मीकिनगर की फिजा शिवमय हो गई है। बोल बम के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। ‘बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है’, ‘जोर से बोलो बोल बम..’ जैसे नारों से संगम क्षेत्र से लेकर कांवरिया पथ गूंज रहे हैं। रविवार की शाम से ही मौसम का मिजाज ढुलमुल रहा। दोपहर तक बदली छाए रहने से कांवरियों को बड़ी राहत मिली। वहीं अन्य श्रद्धालुओं को भी जलार्पण करने में मदद मिली। मौसम अनुकूल रहने के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं हुई। इंद्रदेव भी बारिश की फुहारों से शिवजी का अभिषेक करने को आतुर हैं। मंदिरों में शिवजी के पूजन-अभिषेक सहित कई धार्मिक अनुष्ठान हुए तो वहीं भोले बाबा का बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि से मनमोहक श्रृंगार किया गया।

इस दौरान कांवर यात्रियों ने जटाशंकर धाम पहुंचकर शिवजी का अभिषेक किया जिससे पूरा क्षेत्र भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा। बम-बम के जयघोष के साथ कांवरिए अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ते रहे। कांवर यात्रा में बच्चे, बूढे़ और महिलाएं भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कुछ शिवभक्त तिरंगा लेकर चल रहे हैं। भगवान शिव और पार्वती की छाप छोड़ने वाली सजी-धजी कांवर आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हैं। कांवर ड्यूटी में लगे पुलिस के जवान ड्यूटी दे रहे हैं। गोल चौक पर चौतरफा हजारों लोग एक साथ एकत्र हो जाते हैं।इस बावत पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने बताया कि सावन का महीना शीतलता का प्रतीक है। रिमझिम बारिश की फुहारों से प्रकृति हरी-भरी हो जाती है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना का भी विशेष महत्व है। भगवान शंकर विषपान किए थे इसलिए शीतलता उन्हें भाती है। सावन में श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं, जिससे भगवान शंकर खुश होते हैं। श्रद्धालु बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, मधु के साथ जलाभिषेक करते हैं।