विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण बिहार

औरंगाबाद- मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव स्थित देवी स्थान परिसर में चैत्र अष्टमी के पावन अवसर पर सत्संग भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भजन गायक डी .आनंद ने दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से किया। दुर्गा अष्टमी की कहानी सुनाते हुए डी. आनंद ने बताया कि प्राचीन काल में कैसे दानवों का राजा महिषासुर कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से अमरता का वर प्राप्त कर लिया था, फिर ब्रह्मा जी ने कहा था कि जो जन्मा है उसकी मृत्यु निश्चित है। तब महिषासुर ने चालाकी से वरदान मांगा था कि कोई भी देवता या पुरुष उसे ना मार सके। सिर्फ स्त्री ही उसका वध कर सके। वरदान पाकर महिषासुर अहंकारी हो गया था। वह स्वर्ग पर चढ़ाई कर दिया था। इंद्र सहित देवता गण हारकर भाग गए थे। फिर देवताओं ने ब्रह्मा विष्णु और महेश के साथ मिलकर एक शक्ति का आवाहन किया और तब प्रकट हुई थी मां दुर्गा, फिर मां दुर्गा ने महाशक्ति का रूप धारण करके महिषासुर के साथ कई दिनों तक युद्ध किया था नवरात्र के आठवें दिन यानी महा अष्टमी को मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। गायक संगीत आनंद ने माता पिता की भक्ति पर जोर दिया और कई भजनों को प्रस्तुत किया। अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान के सौजन्य से भक्तों के बीच धार्मिक पुस्तकों का वितरण किया गया।
समाजसेवी वार्ड प्रतिनिधि जितेंद्र यादव एवं सत्संगी डब्लू सिंह के सौजन्य से महाप्रसाद की व्यवस्था की गई। चैत्र नवरात्र का महत्व बताते हुए मां दुर्गा के नौ रूपों की चर्चा की गई। इस पावन अवसर पर अमरेश यादव, दिलीप विश्वकर्मा ,विनोद साव, रण विजय यादव, पंकज गुप्ता, रंजन गिरि, खेलावन यादव, विनोद यादव, रंजन यादव ,उपेंद्र शर्मा, अमन कुमार, रंजीत कुमार गुप्ता, आदि भक्तों की भूमिका सराहनीय रही। आचार्य पंडित कौशलेंद्र पाठक ने शांति मंत्र का पाठ किया। इसके पश्चात 24 घंटे का अखंड कीर्तन शुरू हुआ। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन जितेंद्र यादव ने किया, जबकि संचालन संगीत आनंद ने किया।