अनुमंडलीय अस्पताल में बना एमएनसीयू शुभ आरंभ होने के साथ ही लगातार बंद, जिम्मेवार मौन

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार

बगहा। अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव मरीजों के बेहतर इलाज के साथ जच्चा व बच्चों का केयर को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 90 लाख की लागत से एनवीएसयू अस्पताल का निर्माण कराया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान बगहा आगमन को लेकर आनन फानन में वर्षों से बंद पड़े एनबीएसयू का साफ सफाई के साथ उपचार से संबंधित उपकरणों को सुसज्जित करते हुए सीएस के आदेश पर उ‌द्घाटन किया गया। जिससे बगहा समेत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को नई उम्मीद जगी कि अब प्रसव पीड़ित मरीजों का स्थानीय स्तर पर उपचार के साथ इलाज उपलब्ध हो पाएगा। लोगों की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है, क्योंकि एनबीएसयू उ‌द्घाटन के बाद से बंद पड़ा हुआ है। जिससे प्रसव पीड़ित क्रिटिकल मरीजों को अस्पताल से बाहर जीएमसीएच या स्थानीय स्तर पर निजी अस्पतालों में जाने को विवश होना पड़ रहा है। जिसका खामियाजा भोले भाले अनपढ़ लोगों को कथित विचौलियों के चंगुल में फंसकर क्वैक व निजी अस्पताल में भर्ती करा मरीजों का दोहन कर रहे हैं। अस्पताल में एमएनसीयू, एनबीएसयू व
एनबीसीसी की सुविधा उपलब्ध विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से अस्पताल को अपग्रेड करने के साथ करोड़ों को लागत से एनबीएसयू व एनबीसीसी के लिए आवश्यक उपकरण व जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि प्रसव पीड़ित मरीजों के नवजात शिशुओं के जन्म लेने के बाद परिस्थिति अनुसार लेबर रूम में कार्यरत एनबीसीसी में नवजात की ट्रीटमेंट देने की व्यवस्था है। वही आगे की परिस्थितियों में लेबर रूम में कार्यरत एमएनसीयू में रखा जाता है। जब यहां भी जब बच्चे का सुधार नहीं होता है तो बच्चे को बेहतर उपचार के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर करने का प्रावधान है। लेकिन इन सभी उपकरणों के बावजूद मरीजों का सेवा वरीयता के साथ नहीं मिल पा रहा हैं। जिससे मरीजों को अस्पताल के बाहर इलाज को जाने को विवश होना पड़ रहा है। जिसको लेकर मरीज उनके स्वजन में अस्पताल की लाचार व्यवस्था के प्रत्ति खासा नाराजगी बनी हुई है। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति के दौरान सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने निरीक्षण किया था। उसके बाद से ही लगातार बंद चल रहा है।

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