मनीष कश्यप ने प्रेस कांफ्रेंस कर BJP पर साधा निशाना, सांसद संजय जायसवाल पर लगाए आरोप!

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विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिम चंपारण, बिहार


बेतिया: जन सुराज के युवा नेता मनीष कश्यप ने मंगलवार को बेतिया जिला कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा। इस दौरान उन्होंने मोतिहारी चीनी मिल की बदहाली, अल्पसंख्यक सिख कॉलेज पर अवैध कब्जा और सरकारी अस्पताल के सामने निजी नर्सिंग होम खोलने जैसे मामलों पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं मनीष कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वी चंपारण दौरा का हवाला देते हुए कहा कि, 2014 में प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि जब वे मोतिहारी आएंगे, तो यहीं की चीनी मिल से बनी चीनी की चाय पिएंगे। लेकिन 11 साल बीत जाने के बावजूद मोतिहारी की चीनी मिल आज भी बदहाल हालत में है। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद दयनीय स्थिति में है। मनीष ने सांसद संजय जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा, जब सांसद खुद सरकारी अस्पताल के सामने निजी नर्सिंग होम चलाएंगे, तो स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे सुधरेगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर हमला बोलते हुए मनीष कश्यप ने कहा कि, पिछले 25 वर्षों से उन्होंने किशनगंज स्थित माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (MGM) पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने पहले ट्रस्ट से गुरुदयाल सिंह को हटवाया, फिर करतार सिंह को भी दबाव डालकर किशनगंज छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने दावा किया कि दिलीप जायसवाल ने कॉलेज से जुड़े राजेश साह की हत्या की साजिश भी रची थी। मनीष ने यह भी आरोप लगाया कि जिस पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में जायसवाल को क्लीन चिट दी, उनकी पत्नी ने उसी कॉलेज से MBBS की डिग्री हासिल की थी। मनीष ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद यादव समेत 50 से अधिक नेताओं के बच्चे इसी कॉलेज से MBBS कर चुके हैं। इसके अलावा मनीष कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चंपारण क्षेत्र के विकास के लिए तीन मुख्य मांगें रखीं:

  1. फोरलेन सड़क निर्माण – पीपराकोठी से मोतिहारी और रक्सौल से बेतिया को जोड़ने वाली फोरलेन सड़क का निर्माण।
  2. एम्स/पीजीआई जैसे अस्पताल की स्थापना – जिससे इलाज के लिए लोगों को पटना या दिल्ली न जाना पड़े।
  3. बेतिया में एक विश्वविद्यालय की स्थापना – ताकि वाल्मीकि नगर जैसे दूरदराज के छात्र मुजफ्फरपुर जाने को मजबूर न हों।

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