गन्ने का केंसर कहे जाने वाले लाल सड़न रोग काफी नुकसानदेह।

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वाल्मीकि नगर से अभिमन्यु गुप्ता की रिपोर्ट

गन्ना की खेती करने वाले किसानों की संख्या वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र में काफी तादाद में पाई जाती है।मुख्य नगदी फसल के उत्पादन के रूप में पश्चिम चंपारण अपनी अलग पहचान रखता है। किंतु गन्ना की फसल में गन्ने का कैंसर कहे जाने वाले लाल सड़न रोग काफी नुकसानदेह है।
इस बाबत सिजेंटा कंपनी के अधिकारी अमित कुमार सिंह ने अपने वाल्मीकि नगर क्षेत्र दौरे के क्रम में बताया कि अमूमन गन्ने की फसल में यह रोग बाहरी तौर पर दिखाई नहीं देता है ।जैसे-जैसे गन्ना विकसित होता है। वैसे-वैसे रोग के लक्षण उसमें परिलक्षित होते जाते हैं। जिससे किसानों की उत्पादकता प्रभावित होती है। और उनकी आर्थिक नुकसान होता है। अधिकारी ने बताया कि कंपनी के द्वारा गन्ने का कैंसर कहे जाने वाले इस रोग से इलाज के लिए एक नए फफूंदी नाशक को कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया गया है। इसे प्रति एकड़ 200 एम एल छिड़काव करने की सलाह दी जाती है ।यह दवा केंद्र की संस्थाओं और यूपी सीएसआर शाहजहांपुर के द्वारा अनुशंसित है। गन्ना का यह रोग किसान भाइयों को शुरू में दिखाई नहीं देता है। जब गन्ना के पकने की अवस्था होती है।उस अवस्था में गन्ना सूखने लगता है।और किसान भाइयों को आर्थिक हानि होती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी की रजिस्टर्ड दुकान से ही किसान दवा खरीदे और संतुलित मात्रा में ही उर्वरक और दवा का उपयोग करें। इससे उत्पादन बेहतर होगा। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक विनय कुमार सिंह के अलावा कई लोग उपस्थित रहे।

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